बिल्ली मौसी बोली म्याऊँ,
ऊपर बन्दर नीचे नाऊँ,
बन्दर बोला खींसे निपोड़,
आई ऊपर तो दूँगा ज़ोर,
नाऊँ बोला नीचे आई,
तो काट दूँगा मूँछ सारी।
बिल्ली मौसी लगी सोचने,
हुई शाम घर जाऊँ कैसे,
पेड़ से तोड़ा बड़ा अनार,
फेंका ऊपर निशाना साध,
बन्दर टपका पेड़ से नीचे,
पहुँचा सीधे नाऊँ की गोद में।
लड़ने लगे दोनों बेखबर,
बिल्ली हो गयी रफूचक्कर।
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